
ब्रेकिंग न्यूज़: भारत के उपराष्ट्रपति पद पर नई शुरुआत — चुनाव की प्रक्रिया शुरु
नई दिल्ली, 18 अगस्त 2025 – भारत के संवैधानिक दूसरा उच्चतम पद — उपराष्ट्रपति (Vice President of India) — फिलहाल ख़ाली हो गया है, और इसके लिए होने वाली चुनावी प्रक्रिया ने राष्ट्रीय राजनीति में नया तापमान पैदा कर दिया है।
उपराष्ट्रपति पद अभी खाली
राष्ट्रपति को प्रस्तुत अपनी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए, वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को इस संवैधानिक पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी यह अचानक घोषणा उनकी कार्य अवधि (जो अगस्त 2022 में शुरू हुई थी) के बीच हुई — दो साल के शेष कार्यकाल के बावजूद।
सरकारी स्रोतों और आधिकारिक पोर्टल के अनुसार, 22 जुलाई 2025 से यह पद शून्य है।
संविधान के अनुसार अगली प्रक्रिया क्या होगी?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 68 की धारा 2 के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के खाली होने के बाद “जितना जल्दी संभव हो” चुनाव कराना अनिवार्य है। यह पहला मौका है जब उपराष्ट्रपति चुनाव समय से पहले हो रहा है, पिछली बार ऐसा 1987 में हुआ था।
इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग इस चुनाव से जुड़ी प्रक्रिया को तुरंत सक्रिय कर देगा—जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा व राज्यसभा) के सदस्य शामिल होंगे।
NDA ने उम्मीदवार की घोषणा की: सी. पी. राधाकृष्णन
17 अगस्त 2025 को, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सी. पी. राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया। वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और उन्हें NDA की ओर से इस संवैधानिक जिम्मेदारी के लिए उम्मीदवारी मिली है।
BJP अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि राधाकृष्णन “राजनीति में चालीस वर्षों का अनुभव रखते हैं और तमाम वर्गों में सम्मानित हैं”। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी प्रशंसा की और उन्हें “प्रेरणादायक उपराष्ट्रपति” बतलाया।
चुनाव की तारीख तय: 9 सितंबर 2025
चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को आयोजित होंगे। इस चुनाव में लोकसभा व राज्यसभा के सभी सदस्य मतदान में भाग लेंगे।
विपक्ष का रिएक्शन और संभावित दावेदार
वहीं, विपक्षी गठबंधन INDIA Bloc फिलहाल अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाया है। चर्चा चल रही है कि शशि थरूर (कांग्रेस) और नीतीश कुमार (जदयू) जैसे नेताओं के नाम संभावित दावेदारों में उभर रहे हैं।
हालांकि, कई पूर्व भाजपाई विधायकों ने नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की बात की थी, लेकिन जदयू ने इसे “अनावश्यक” करार दिया और कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यभार उन्हें अभी जारी रखना है।
उपराष्ट्रपति पद का महत्व: संवैधानिक व कार्यात्मक दृष्टिकोण
- उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के बाद दूसरा सबसे उच्च पद है और संसद के उच्च सदन राज्यसभा के अध्यक्ष (Chairman) भी होते हैं।
- वे पैनल ऑफ वाइस-चेयरपर्सन्स में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने जैसे कदम भी उठाते हैं—जैसे कि जगदीप धनखड़ ने उस पैनल में 17 महिलाओं को शामिल किया था।
- उन्हें पैंतालीस हजार रुपये की नकद मासिक पेंशन और सरकारी आवास, चिकित्सा, सुरक्षा सहित अन्य भत्तों की सुविधा भी मिलती है।
संक्षेप में: आगे क्या होने वाला है?
घटना | विवरण |
---|---|
पद खाली | जगदीप धनखड़ का इस्तीफा (21 जुलाई 2025) |
चुनाव की घोषणा | जल्द से जल्द — अगले चुनाव 9 सितंबर 2025 को प्रस्तावित |
NDA उम्मीदवार | सी. पी. राधाकृष्णन |
विपक्षी स्थिति | संभावित उम्मीदवार: शशि थरूर, नीतीश कुमार; अभी अंतिम घोषणा नहीं |
संवैधानिक प्रक्रिया | लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों द्वारा मतदान (NDA को पेशी में ताकत) |
पद का महत्व | राज्यसभा के चेयरमैन; संवैधानिक स्थिरता व समीकरण में बदलाव का संकेत |