
130वें संशोधन पर अमित शाह का बड़ा बयान, बोले क्या जेल से सरकार चला सकता है कोई?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन बिल का बचाव करते हुए विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाना लोकतंत्र के लिए ज़रूरी है. शाह ने विपक्ष पर हंगामे का सहारा लेने और दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप भी लगाया है.
शाह ने PM-CM और मंत्रियों के 30 दिन के बाद गिरफ्तारी वाले बिल का बचाव करते हुए कहा कि गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान लोकतंत्र के लिए आवश्यक है.
विपक्ष पर रहा निशाना
न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि विधेयक संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया है और अंतिम निर्णय मतदान से होगा, जिसके लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत चाहिए. उन्होंने विपक्ष पर विधेयक पेश न होने देने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या लोकतंत्र में बहस की जगह हंगामे का सहारा लेना उचित है.
जेल से कोई सरकार कैसे चला सकता है
केंद्रीय गृह मंत्री ने सवाल दागते हुए पूछा कि क्या कोई पीएम, सीएम या मंत्री जेल से सरकार चला सकता है? क्या इससे लोकतंत्र की गरिमा बनी रहेगी? उन्होंने कहा कि जहां पांच साल से अधिक की सजा का प्रावधान होगा, वहां ही पद छोड़ना होगा.
आप नेता सत्येंद्र जैन पर तल्ख़ टिप्पणी
शाह ने कहा कि सत्येंद्र जैन चार साल तक जेल में रहे और उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने जेल जाने के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया, जिससे लोकतंत्र की साख पर असर पड़ा.
कांग्रेस का दोहरा चरित्र
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 130वें संशोधन विधेयक का खुलकर विरोध कर रही है. जब यूपीए सरकार सत्ता में थी, तब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और लालू प्रसाद यादव मंत्री थे. लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया था. मनमोहन सरकार एक अध्यादेश लेकर आई थी. राहुल गांधी ने उसे पूरी तरह बकवास बताते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक रूप से इस अध्यादेश को फाड़ दिया था और देश की कैबिनेट और प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए फैसले पर उनके पार्टी के प्रधानमंत्री द्वारा नैतिक आधार पर लिए गए फैसले का मजाक उड़ाया था और मनमोहन सिंह पूरी दुनिया के सामने एक शर्मनाक व्यक्ति बन गए थे. आज वही राहुल गांधी बिहार में सरकार बनाने के लिए लालू प्रसाद को गले लगा रहे हैं. क्या यह दोहरा मापदंड नहीं है?
पीएम मोदी ने खुद को भी शामिल किया
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अपने खिलाफ भी यह प्रावधान शामिल किया है. अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा. पहले इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर पीएम और अन्य शीर्ष पदों को न्यायिक समीक्षा से बाहर कर दिया था, लेकिन मोदी जी ने खुद अपने खिलाफ संशोधन लाया है.
इस्तीफा न देने का शुरू हुआ चलन, ताज़ा उदाहरण
गृह मंत्री अमित शाह ने सवाल किया कि कि क्या किसी को जेल से सरकार चलानी चाहिए? आजादी के बाद से कई नेता जेल गए हैं. हाल ही में जेल जाने के बाद भी इस्तीफा न देने का चलन शुरू हुआ है. तमिलनाडु के कुछ मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया, दिल्ली के मंत्रियों और सीएम ने इस्तीफा नहीं दिया. क्या इससे दुनिया में हमारे लोकतंत्र का सम्मान होगा?
30 दिन की जमानत अवधि पर सफाई
विपक्ष की आपत्ति पर शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जमानत देने के लिए सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि अगर मामला फर्जी है तो अदालतें जमानत देंगी. लेकिन अगर आप भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं, तो जेल भी जाना पड़ेगा और इस्तीफा भी देना पड़ेगा. बाद में जमानत मिलते ही आप फिर से शपथ ले सकते हैं.
जेपीसी का बहिष्कार करना ग़लत
कई पार्टियों के जेपीसी का बहिष्कार करने वाले मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि अगर विपक्ष संवैधानिक नियमों को नहीं मानता और विपक्ष में होते हुए भी अपनी इच्छा को अंतिम मानता है, तो ऐसा नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि जेपीसी में कई गवाहों और सार्वजनिक जीवन के लोगों को बुलाया जाएगा. इस दौरान तर्कों और सबूतों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिसके बाद उस रिपोर्ट के आधार पर बिल में बदलाव किया जाता है.